एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए 7 बच्चे, झांकी के चंदे के लिए निकले थे सभी

गुना/भोपाल.मध्यप्रदेश के गुना में नवरात्रि से पहले झांकी के लिए चंदा लेने घर से निकले 7 बच्चों की क्रशर खदान के 40 फीट गहरे गड्‌ढे में भरे पानी में डूबने से मौत हो गई। इस तरह एक एक कर मौत के गाल में समा गए बच्चे…
-10 से 14 साल उम्र के ये बच्चे पिपरौदा गांव से टोली बनाकर ललुआटोरा गांव निकले थे।
-यहां से चंदा एकत्रित कर ये बच्चे खदान पर गए।
-उधर, प्रशासन ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा की।
उन्हें तैरना नहीं आता था
-कैंट थाना प्रभारी अरविंद वाजपेयी ने बताया कि गुना से पांच किमी दूर चंद्रशेखर भार्गव की क्रशर खदान है।
-दोपहर करीब 1.30 बजे बच्चों ने आपस में सलाह कि खदान मालिक से भी चंदा लिया जाए।
-बच्चे वहां पहुंचे और नहाने के लिए पानी में उतर गए और गहरे पानी में उतर गए। उन्हें तैरना नहीं आता था। जिससे उसकी मौत हो गई।
दो बेटों के सहारे ही जिंदा थी अब सब खत्म हो गया है
-पिपरोदाखुर्द निवासी दो सगे भाई टिल्लू और करन की भी इस हादसे में मौत हो चुकी है।
-इनके पिता अशोक कुशवाह की 3 साल पहले हत्या हो गई थी। इसके बाद मां राजकुमारी ने ही दोनों बेटों का पाला है।
-इस हादसे की खबर सुनकर मां तड़प उठी। उसका बुरा हाल है। बस वह यही कह रही है कि इनके सहारे ही जिंदा थी। सब खत्म हो चुका है।
-हालांकि इस महिला को गांव की अन्य महिलाएं दिलासा दे रही है। लेकिन वह बच्चों की याद में बेहोश हो जाती है। जैसे ही होश आता है तो फिर बच्चों की याद में तड़प उठती है।
हादसे की आंखों देखी कहानी- प्रत्यक्षदर्शी जितेंद्र सिंह भार्गव की जुबानी…
-भार्गव ने बताया कि मैं क्रेशर पर दोपहर 2.15 बजे पैमेंट देने आया था। तभी एक बच्चा दौड़ता हुआ आया और बोला कि गड्‌ढे में बच्चे डूब गए हैं।
-मैं और खदान पर मौजूद दो लाग दौड़कर गड्‌ढे के पास पहुंचे तो देखा कि एक बच्चा किनारे के पास है। वह नीला पड़ चुका था।
-उसको हिलाया और पेट दबाया लेकिन उसमें हलचल नहीं हुई। इसके बाद मैने डायल 100 को सूचना दी।
-थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को बुलाकर बच्चों की तलाश की गई तो एक-एक कर छह बच्चे और निकले।
-मैंने उस बच्चे को भी ढूंढा जो आवाज लगाते हुए आया था। लेकिन वह नहीं मिला। बच्चे माता की झांकी का चंदा मांगने आए थे।
35 गड्‌ढों में भरा है पानी
-कलेक्टर राजेश जैन ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश कर दिए हैं।
-कलेक्टर ने बताया कि इस क्षेत्र में 4 लोगों को क्रशर की अनुमति दी गई है, जबकि छह क्रशर चल रहे हैं और 35 गड्ढे हैं।
-अगर क्रशर संचालकों की लापरवाही है तो मजिस्ट्रियल जांच के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-कलेक्टर ने मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है।
चंद्रशेखर की नहीं यशवंत अग्रवाल की है खदान
-खदान किसकी है इसको लेकर स्थिति देर रात तक स्पष्ट नहीं हो पाई। पहले प्रशासन ने खदान चंद्रशेखर भार्गव की बताई है।
-लेकिन क्षेत्रीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शी जितेंद्र सिंह भार्गव का कहना है कि खदान यशवंत अग्रवाल के नाम पर है।
-रात को फिर प्रशासन ने बताया कि यह खदान यशवंत अग्रवाल के नाम पर ही दर्ज है।

 

The post एक-एक कर मौत के मुंह में समा गए 7 बच्चे, झांकी के चंदे के लिए निकले थे सभी appeared first on MastiWale.

Leave a comment